Friday, November 8, 2013

दूधारू गाय व भैंस का पशु आहार व चुरी

ग्वाला सुपर पशु आहार व चुरी:
 
1. यह विभिन्न पौष्टिक तत्वों जैसे सरसों खल बिनौला मक्का गेंहू चौकर सोयाबीन खल राइस ब्रान आदि            के अनुपाति मिश्रण से तैयार एक पूर्ण सन्तूलित आहार है।
 
2. यह प्रोटीन, वसा, कार्बोहाईर्टेड के एनर्जी सिस्टम पर आधारित है। इसलिए इसमें अत्यधिक ऊर्जा जो              दूधारू व मेहनत दोनों प्रकार के पशुओ के लिए उत्तम है।
 
3. सभी प्रकार के खनिज लवण जैसे कैल्शियम, आयरन, फॉस्फोरस आदि प्रदान करते हैं पशुओ को एक           मजबूत सुन्दर व स्वस्थ शरीर जिससे उनकी कार्यशक्ति में गुणात्मक बढो़त्तरी होगी।
 
4. स्वादिष्ट व पाचक चूर्ण यूक्त होने के कारण पशु चारे को चाव से खाता है और पूरा हज्म करते है।
 
5. छोटे बछडे़ व बछियों का तेजी से विकास होता है।
 
6. रिपीट ब्रीडर्स बीमारी पर काबू पाने के कारण यह समय गर्भ धारण सुनिश्चित करता है।
 
  मात्रा:
 
1. दूधारू गाय व भैंस के विय 2 से 3 किग्रा0 व प्रति 2.5 लीटर दूध पर 1किग्रा0
 
2. गर्भित व दूध न देने के लिये 1.5 किग्रा0 से 2 किग्रा0 प्रतिदिन। प्रसव से 60 दिन पहले 4 से 5 किग्रा0                प्रतिदिन।
 
3. हल व गाडी़ खीचनें वाले बैल और कटरे के लिये 1.5 से 2 किग्रा0 प्रतिदिन।
 
4. छोटे बछडे़ व बछिया के लिये .5 से 1.5 किग्रा0 प्रतिदिन।
 
  विधि:
 
  पशु आहार को एक घण्टे पहले सही अनुपात में पानी में भिगो कर रख दें जब देना हो अच्छी तरह     हिलाकर घोल ले भूसे व हरे चारे में मिलाकर दे।
 
1. पहले दिन थोडा चखाये।
 
2. आगे चार दिन तक एक चौथाई ग्वाला तथा तीन चौथाई अन्य खल को मिलाकर दें।
 
3. चार से दस दिन तक बताई गई मात्रा का आधा हिस्सा अन्य खलो के साथ मिलाकर दें।
 
4. दसवें दिन से आप ऊपर वर्णित मात्रा आनुसार पूरा आहार देना प्रारम्भ कर दे तथा अन्य खलों को पूर्णतः          बन्द कर दें।
 
5. प्रारम्भ मे मात्रा अधिक हो जाने पर पशु पतला गोबर कर सकता है घबराये नही माफिक आते ही एक दो            दिन में पशु ठीक हो जायेगा।

पशु आहार में सोयाबीन का महत्व:
 
1.सोयाबीन में ऊर्जा, प्रोटीन, विटामिन्स और खनिज लवण प्रचुर मात्रा में पायें जाते है। अन्य सभी अनाजों और तिलहनों की अपेक्षा इसमें श्रेष्ठतम गुणवत्ता का प्रोटीन होता है।
 
2.सोया प्रोटीन में दस एसेन्यिल अमीनों एसिड का ऐसा अदभुत संतुलन है जो पशु की बढ़वार गर्मी में आने, गर्भ धारण करनें और दूध उत्पादन करने के लिए जिम्मेदार हारमोन्स के उत्पादन के लिएआवश्यक
  है।
 
3.सोयाबीन और उसके उत्पादों में खनिज लवण और विटामिन्स पर्याप्त मात्रा में मौजूद होते है जो पशु को स्वस्थ व उत्पादक बनाये रखने के लिए जरुरी है।
 
4.अन्य खलों की अपेक्षा सोयाबीन की खल में वसा तथा बाईपास प्रोटीन अधिक मात्रा में होता है। इसमें 85 प्रतिशत पंचनीय तत्व होते है। सोयाबीन खल खिलाने से दूध के स्वाद व फैट में बढो़तरी होती है
 
5.अच्छे पशु आहार को निर्माताओं ने सोयाबीन के अदभुत गुणों को समझा और अपनें उत्पादों की श्रंखलाओ में सोयाबीन की खल को उचित मात्रा मे प्रयोग किया है।
 
6.सोयाबीन की खल भी दूधवाला (सोया पापडी़) नाम से उपलब्ध है।
 
7.सोया आधारित पशु आहार से बेहतर और शीघ्र परिणाम पाकर आप अधिक मुनाफा कमा सकते है।



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Article Credit:http://www.gwalafeeds.com/news/news9.aspx

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